धनतेरस पूजा विधि - Dhanteras Puja Vidhi 2019 - Dhanteras 2019

18 Oct 2019
Published By: Festivalsinfo
By Jaydeep Gohil 164 Views

Dhanteras Puja Vidhi 2019

त्योहार का मोसम चल रहा हे अेसे मे  धन की देवी को मनाना चाहिए अपनी धन ओर परेशानी यह दीपावली पर दुर कर लेना है  पहेले कमॅ प्रधान्य है हमारा जीवन मे हमे  कमॅ तो खुब सारे करते हे लेकिन कमॅ के साथ साथ हमारा जीवन  मे आगे बठ नही सकते  लक्ष्मी माता  जो धन की देवी  को  थोडी  उपासना  करले इस दीवाली पर  सचे  दिल से  माता  रानी  को मनाये आपके घर पर लक्ष्मी  माता निवास करेगी

Dhanteras Puja Vidhi in Hindi
Dhanteras Puja Vidhi in Hindi

धनतेरस पूजा का शुभ मुहूर्त

  • धनतेरस पूजा मुहूर्त- शाम 07.08 बजे से रात 8.14 बजे तक
  • अवधि- 1 घंटा 06 मिनट
  • प्रदोष काल- शाम 5.39 से 8.14 बजे तक

 

स्कन्द पूराण के अनुसार धनतेरस की पूजा शुभ मुहूतॅ मे सही विधि से करने  पर मनोकामनाए वंचित फल की प्राप्ति होती हे हिन्दु धमँ मे धनतेरस के त्योहार सुख ,समुदि यश ओर वैभव  का पवॅ माना जाता हे इस दीन चिकित्सा भगवान धन्वति की पूजा करते  हे ओर अच्छे स्वास्थ्य के लिये कामना की जाती हे धनवती की पूजा करने से माता लक्ष्मी प्रसन्ऩ  होती  धनतेरस के पवॅ पर देवी लक्ष्मीजी तथा  धन के देवता कुबेर  ओर  यम के देवता को दीप  का दान करेके पूजा करने का विधान हे  यम प्रसन्ऩ होते है  ओर जिव की अकाल मुत्यु नही  होती घर के बहार दी  जला कर रखा जाता है दीप दान का विशेष महत्व बताया गया हे इस दीन घर मे बरतन , साडी  ,सोना या चादी के वस्त्रु आदी  खरीदना  शुभ माना जाता हे ।  

 

Dhanteras Puja Vidhi 2019

धनतेरस की  पूजा  सामग्री

तुलसी के पते , दुध , गोबर , गेहू के आटे से बना एक दीपक , मिट्टी से बने तीन दीपक ( धनवति गणेश जी ओर लक्ष्मी जी के लिऐ ) गंगाजल , सरसो का तेल,घी ,माचिस, एक कौडी ,रोली ,एक चोकी, चम्मच  ,धूप  आसन, चीनी/शकर ,मिठाई/नैवेध,फूल ,सात धान्य चावल , उडद, मूग, चना, जौ ओर मसूर |  

 

धनतेरस कापूजन केसे करे

मिट्ट  या गोबर ले  मिट्टी गमले की   ले सकते हे या गाय का गोबर  वो लगा सकते  फिर वहा पर  गोल चोकी बना ले  आप कोई  पाटीये पर भी  कर सकते हे  पाटीये पर लाल कपडे बिछा ले उस पर चार सोपारी  लेनी हे   थोडी मोली  रोली चावल मिठाइ या सकर से काम चला सकते हे   एक कचि मट्टी  का दिया यम  के लिये  बना कर  पूजा करना है  आप दीन मे बना कर सुखा ले  उस शाम को  उस दीप मे पूजन करना चाहिए  आप नही कर सकते  तो आप नोमल  दीया  से पूजा कर सकते हे  थोडी सी तुलसी के पान  अपने पास जरूर रखे  क्यु के आयुवेद के  देवता  धनवती  का दीन हे  इस लिये धन देवी की पूजा मे  तुलसी दुध धूप आदी चडाना  वो भी शुभ माना जाता हे

मिट्टी का शिकोरा होता है  अपने  लोकर मे ऱखा हे  नही तो  सुपारी से बना कपके  आप उस  गणेश को पूजा मे रख सकते है आप चाहे तो  छोटी प्रतिमा हे तो गणेशजी वो ऱख  सकते हे  सबसे पहेले गणेशजू को  पाटीये पर स्थापित  करना है  ऊँ गणेशाय नम: अेसे मन के  भाव से  आह्वन  करना है  पूरी पूजा उतर मुखी  या पूवॅ  मुखी  होकर करनी है  जो आप दीसा बनाते हो उसका मुख  दक्षिण की होमा होना चाहिए  दीया प्रज्वलित करे  दीया के आसपास गंगाजल  तीन बार  छिडकाव करे  तिलक लगाये  उसके बाद  कुछ चावल रखे  उस दीप मे  एक रूपया का सिका रखे ओर फुल अपितॅ करके   प्रणाम करे  परिवार के  सभी सदस्यो को तिलक  लगाये  उस दीये  को अपने  घर के प्रवेश दार पर  समीप रखे  उसे दाहिमी ओर रखे ध्यान दे उसकी  दीये की लौ दक्षिण दिशा की ओर होनी चाहिए    

सके बाद यमके देवता को मिट्टी का दीया  दान करके पूजा करना चाहिए  त करे  तथा घर मे  धनवती देवी की पूजा  करे ओर आसन पर बेठ कर  धन्वन्ति  मंत्र  ऊं    धन  धनवंतरये  नम:  ।। का 108 बार  जाप करे  ध्यान लगा कर आह्वन करे  धनवती देवता मे यह मंत्र का उच्चार करे उनके चरणो मे अर्पित करता हु

धनवती की  पूजा करने रे बाद गणेश  ओर लक्ष्मी  हेतु मिट्टी के दीये प्रज्वलित कर तथा  धूप जलाकर उसकी पूजा करे  ओर भगवान गणेश तथा लक्ष्मी के चरणोमा  फूल अपिॅत करे मिठाई का भोग लगाये  ईसके पश्यात तिजोरी मे  दीपक जला करे कुबेर का पूजन करे ओर  आह्वन करे ध्यान  करने हुवे भगवान कुबेर को फूल अपित करे ओर  ध्यान करे हे श्रेष्ठ विमान पर विराज मान  रहेमे वाले गरूडमणि के समान  दोनो हाथ मे गंदा हे ओर भगवान शिव के परम मित्र कुबेर का ध्यान करता हु धूप ,दीप नैवेद से पूजन कर के  मंत्र का उच्चार करे  इसके बाद  सात धान्य  चावल ,गेहू ,जौ, चना ,मूंग ,उडद, ओर मसूर  के साथ भगवान की पूजा करना लाभकारी माना जाता हे  पूजा की सामग्री मे स्वणॅ पुष्पो को  विशेष रुप से उचित माना गया है